पिता के पत्र - जवाहर लाल नेहरु [ Pita ke Patra - Jawahar Lal Nehru ]
1928 में लिखे ये पत्र आज भी उतने ही ताजगी भरे और जीवंत है | इनमे लोगों और कुदरत के प्रति नेहरु जी का प्रेम मुखर हो उठा है, जिनकी कहानी उन्हें किसी भी कहानी या उपन्यास से कहीं अधिक रोचक लगती थी |