Namak ka Daroga | Premchand [ नमक का दरोगा । प्रेमचंद ]
प्रेम चाँद की कहानियों में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया गया है |
SKU9788186265680
Overview
प्रेम चाँद की कहानियों में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया गया है | वास्तव में प्रेमचंद की कहानियां भारत के सर्वाधिक विशाल और विस्तृत वर्ग की कथाएँ है, इसलिए इन्हें जन-सामान्य का लेखक कहा गया |
Features
Subject | Fiction |
Selling Rights | Worldwide |
Packing Weight | 0.75 kg |
ISBN | 9788186265680 |
Author | Prem Chand |
Publisher | Sakshi Publications |
Page count | 272 |
Book Format | Paperback |
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